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कब बनेगा पूरा देश महाराष्ट्र??
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अरे नहीं-नहीं आप कुछ और ना समझिएगा। मैं कोई गलत बात नहीं कह रहा हूँ। मैं ठाकरे वाले गुंडों (राज-उद्घव-या बाल ठाकरे) वाले महाराष्ट्र की बात नहीं कह रहा हूँ, मैं तो उस राष्ट्र की बात कह रहा हूँ जोकि देश कभी था।
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आज़ादी से पहले या यूँ कहिये अंग्रेजो का राज आने से पहले देश बहुत समृद्ध था, यहाँ के लोग, यहाँ की संस्कृति, यहाँ का रहन-सहन, यहाँ की बोली-चाली, आदि सब समृद्ध थे। लेकिन आज देश का दुर्भाग्य देखिये, देश कहीं से भी समृद्ध नहीं हैं।
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ना लोगो के पास पहले जैसी धन-दौलत, संपत्ति हैं, ना लोगो की बोली-भाषा में वो मिठास रही हैं, नाही लोगो में आपसी प्रेम-प्यार, भाईचारा शेष रहा हैं। और तो और जिन अंग्रेजो से देश को मुक्त कराने के लिए देश के लाखो लोगो-स्वतन्त्रता सेनानियों-और हमारे पूर्वजो ने अपना रक्त बहाया, उन्ही अंग्रेजो की संस्कृति (पश्चिमी संस्कृति जैसे-पहनावा, अंग्रेजी भाषा) को आज हम आत्मसात कर रहे हैं, लिहाजा देश की संस्कृति भी अब वो नहीं रही।
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किसी समय मेहनती लोगो की कर्मभूमि मानी जाने वाली भारत भूमि अब आलसी लोगो की भूमि बनकर रह गयी हैं। आलस भरा-मेहनत से दूर हो गयी हैं हमारी ज़िन्दगी, आज सब कुछ बदल गया हैं। हमारे आज़ादी के दिवानो और नेताओं ने कम से कम ऐसे देश की कल्पना तो नहीं की होगी जहां गरीबी, भूखमरी, अकाल, रिश्वत-घूसखोरी, भरष्टाचार, चोरी चकारी, डकैती, ह्त्या, बलात्कार, लूटपाट, दंगे फसाद, आतंकवाद, नक्सलवाद, जातिवाद, धर्मवाद, अलगाववाद, आदि का बोलबाला हो।
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अभी भी समय हैं संभल जाइए, कुछ कीजिये, देश की तस्वीर बदलने की कोशिश कीजिये। देर जरूर हो गयी हैं लेकिन इतनी भी नहीं कि कुछ किया ही ना जा सके। कुछ कीजिये, कुछ सार्थक कीजिये, कुछ भी कीजिये पर यूँ हाथ पर हाथ रखकर ना बैठिये। कुछ ऐसा कीजिये कि-"देश में खुशहाली, सुख-समृद्धि, आपसी प्रेम-प्यार, भाईचारा, और सोने की चिड़िया, आदि जैसा वातावरण पुन: तैयार हो जाए।"
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फिलहाल सबसे बड़ा सवाल यही हैं कि--"कब बनेगा पूरा देश महाराष्ट्र??"
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FROM =
CHANDER KUMAR SONI,
L-5, MODEL TOWN, N.H.-15,
SRI GANGANAGAR-335001,
RAJASTHAN, INDIA.
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CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
आज़ादी से पहले या यूँ कहिये अंग्रेजो का राज आने से पहले देश बहुत समृद्ध था, यहाँ के लोग, यहाँ की संस्कृति, यहाँ का रहन-सहन, यहाँ की बोली-चाली, आदि सब समृद्ध थे। लेकिन आज देश का दुर्भाग्य देखिये, देश कहीं से भी समृद्ध नहीं हैं।
ReplyDeleteSAHI FARMAYA SIR..............
सही है , देश दिन प्रतिदिन कंगाल ही होता जा रहा है।
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