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जानिये भारत की सैन्य-ताकत को।
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परमाणु शक्ति संपन्न भारत के सुरक्षा बेड़े में कई ऐसी मिसाइलें हैं जो जरूरत पड़ने पर दुश्मनों के दांत खट्टे कर सकती है।सबसे अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम अग्नि मिसाइल के निशाने पर पडोसी देश पूरा पाकिस्तान और करीब आधे चीन के कई शहर हैं। देश की मिसाइल प्रणाली पर एक नजर :--
अग्नि मिसाइल : देश में निर्मित सतह से सतह पर मार करने वाली अग्नि मिसाइल 20 साल पुरानी है। सबसे पहले तैयार अग्नि 1 की मारक क्षमता 700-800 किलोमीटर जबकि अग्नि 2 की मारक क्षमता 2000-2500 किलोमीटर है। अग्नि 3 के सफल परीक्षण के बाद भारत के पास चीन और पाकिस्तान के एक बड़े इलाके को निशाना बनाने की क्षमता हासिल हो गई है। अग्नि 5 की मारक क्षमता 5000-6000 किलोमीटर है जो अभी फिलहाल विकास के चरण में है। डीआरडीओ और भारत डायनामिक्स लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया यह मिसाइल सिस्टम 1999 से ही भारतीय सेना का हिस्सा बन गया है।
पृथ्वी मिसाइल : सतह से सतह पर मार करने वाले इस मिसाइल का पहला परीक्षण 25 फरवरी 1988 को श्रीहरिकोटा स्थित प्रक्षेपण केंद्र से किया गया था। इसकी मारक क्षमता 150 किलोमीटर से 300 किलोमीटर तक है। पृथ्वी मिसाइल प्रणाली के तहत थल सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मिसाइल को पृथ्वी जबकि नौसेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मिसाइल को धनुष का नाम दिया गया है। वायु सेना भी इस तरह के मिसाइल का उपयोग करती है। हालांकि इन सभी का निशाना सतह पर ही होता है।
आकाश मिसाइल : माध्यम दूरी की यह मिसाइल सतह से हवा में मार करती है। सुपरसोनिक गति से छोडी जाने वाली यह मिसाइल 30 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्य को भेद सकती है। यह मिसाइल पूरी तरह राडार से नियंत्रित होती है। सेना इसे टी-72 टैंक के जरिये प्रक्षेपित करती है। आकाश मिसाइल का पहला परीक्षण 1990 में किया गया था।
त्रिशूल मिसाइल : आकाश मिसाइल की तरह त्रिशूल मिसाइल भी सतह से हवा में मार करती है। यह 12 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्य को भेदने में कामयाब है। इस मिसाइल का वजह 130 किलोग्राम है और यह अपने साथ 5.5 किलोग्राम का हथियार अपने साथ ढो सकती है। इस मिसाइल के विकास पर काफी रकम खर्च होने के चलते सरकार ने 2008 में इस परियोजना पर काम बंद कर दिया है।
नाग मिसाइल : तीसरी पीढ़ी का यह टैंक रोधी मिसाइल "दागो और भूल जाओ" सिद्धांत पर काम करता है। इसकी मारक क्षमता 3 से 7 किलोमीटर तक है। यह दिन और रात दोनों समय ही काफी कुशलता से वार करने में सक्षम है। नाग मिसाइल का 45वां परीक्षण 19 मार्च 2005 को महाराष्ट्र के अहमदनगर परीक्षण रेंज से किया गया था। हालांकि यह परियोजना अभी उत्पादन के क्रम में है। थल और वायु सेना के लिए इसके अलग-अलग स्वरूप तैयार किए जा रहे हैं।
ब्रह्मोस मिसाइल : भारत और रुस के संयुक्त प्रयासों से निर्मित यह मिसाइल पनडुब्बी, पोत, हवाई जहाज या जमीन कहीं से भी छोडी जा सकती है। भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मास्कोवा नदी के नाम पर बनी यह मिसाइल भारतीय सेना और नौसेना के हवाले है। 2.5 से 2.8 मैक की गति से छोडी जाने वाली इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की रफ्तार अमेरिकी मिसाइल हारपून से भी साढ़े तीन गुनी तेज है। भारत में डीआरडीओ द्वारा विकसित इस मिसाइल की एक यूनिट की कीमत 2.73 मिलियन डॉलर है। यह मिसाइल नवंबर 2006 से ही सेवा में है।
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तो ये हैं भारत की सैन्य ताकत। आप सभी सच्चे भारतीय हैं इसलिए आपको भारत के बारे में पता होना चाहिए। भारत की ताकत का आपको एहसास होना चाहिए। और सबसे बड़ी बात भारत के बारे में नकारात्मक, बुरे, घटिया, और नेगेटिव विचार-सोच रखने वालो को आप तार्किक रूप से मजबूत जवाब दे सकते हैं।
साभार-स्त्रोत = दैनिक भास्कर।
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एक ईमानदार स्वीकारोक्ति = "आप सभी मेरे और मेरे ब्लॉग के सम्मानीय पाठक / समर्थक हैं, मैं आप सबको खोखा नहीं देना चाहता हूँ। इसलिए बेझिझक एक ईमानदार स्वीकारोक्ति कर रहा हूँ कि-"आज तक, अभी तक मैंने जितने भी ब्लॉग-पोस्ट्स लिखे हैं सभी अपनेआप, अपने विचारों से लिखे हैं। लेकिन, ये पहली ऐसी पोस्ट हैं जिसमे मैंने बिलकुल भी सोच-विचार नहीं किया हैं, बिलकुल भी दिमाग नहीं लगाया हैं। ये ब्लॉग-पोस्ट मैंने अपने ब्लॉग के सभी पाठको (आम और ख़ास) को देश के बारे में और देश की सैन्य शक्ति के बारे में बताने के लिए "दैनिक भास्कर" से लिया हैं। मुझे तारीफ़ या नाम का कोई लालच कभी नहीं रहा हैं, इसलिए "दैनिक भास्कर" के नाम का स्पष्ट रूप से उल्लेख कर रहा हूँ। वरना मैं ये ब्लॉग-पोस्ट अपने नाम से भी जारी कर सकता था। लेकिन, मैं ऐसा लेखक नहीं हूँ, जो दूसरो के लिखे का श्रेय ले उडूं।"
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Monday, September 27, 2010
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