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सुखी रहना आपके हाथ में हैं.
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आजकल तनाव भरी ज़िन्दगी में हम सभी मुस्कुराना तक भूल गए हैं, खुलकर हंसना तो दूर की कौड़ी बन चुकी हैं. जिसे देखो वो गंभीर और तनाव में डूबा दिखाई पद रहा हैं. आइये कुछ सरल और रोजमर्रा की ज़िन्दगी से जुड़े कुछ उपाय जानते हैं, जिससे हम तनाव रहित और खुशहाल जीवन जी सकते हैं =
01. सबसे आसान और सबसे महत्तवपूर्ण उपाय तो यही हैं कि--अपने परिवार, बीवी-बच्चो, और बड़े-बुजुर्गो को समय अवश्य देवे. चाहे थोड़ा समय देवे, पर पूरा यानी एकाग्र समय देवे.
02. पार्को में टहलना और बागवानी (पौधारोपण, कटाई, छंटाई, सिंचाई) करना एक बेहतरीन उपाय हैं.
03. गाडी (दुपहिया/चौपहिया) चलाना भी अच्छा हैं पर धीमी गति से और खाली सडको पर. भीड़ में और तेज़ गति से गाडी चलाना दोनों तनाव के लेवल को बढाते हैं. तेज़ गति से तात्कालिक लाभ अवश्य हैं पर बाद में हॉर्मोन के स्तर के घटने पर तनाव फिर हावी हो जाएगा.
04. दिन में कम से कम दो बार खुलकर हंसना और न्यूनतम दस बार मुस्कुराने को नियम बनाएं.
05. अच्छे, सकारात्मक, हँसते-गुदगुदाते-मजाकिया चुटकुले सुने व दूसरो को सुनाएँ.
06. अच्छा साहित्य, सकारात्मक विचारों वाली किताबें या लेख पढ़ें.
07. कुछ शौंक पाले और उनको जीयें. जैसे सिक्के इकट्ठे करे या स्टाम्प्स इकट्ठे करे.
08. संगीत को जीवन में उतारें. चाहे वो नृत्य हो, गायन हो, या वाधयन्त्र बजाना हो. खुद अगर गाना, नाचना, या बजाना नहीं आता हो या शर्म/झिझक हो तो गाने सुने या नृत्य देखें.
09. चित्रकारी, कशीदाकारी, एरोबिक्स, रस्सा कूदना, एक्सरसाइज़, ब्रेक डांस, कलाकारी, या घरेलु खेल (जैसे-लूडो, सांप-सीढ़ी, कैरम, चौसर, शतरंज, आदि) अवश्य खेलें. ये समय बिताने और तनाव रहित होने का बेहद सस्ता साधन हैं.
10. पालतू पशु-पक्षी (चिड़िया, तोते, कबूतर, बतख, मुर्गी-मुर्गा, या कुत्ते, बिल्ली, खरगोश, मछली, आदि) पाले. ये निश्चित रूप से तनाव मुक्ति के लिए बेहतरीन उपाय हैं. पालतू पशु-पक्षी आश्चर्यजनक रूप से हमें तनाव से दूर करते हुए खुशियों की ओर ले जाते हैं. इस बात को कई वैज्ञानिक अध्ययनों से साबित किया जा चुका हैं. अगर आप अमीर हैं तो गाय, भैंस, घोड़े, आदि पर भी विचार कर सकते हैं.
11. हँसते-गुदगुदाते-मजाकिया और पारिवारिक फिल्मे या धारावाहिक देखें. क्रूर-हिंसक-और रोने-धोने वाले नाटक या फ़िल्में यथासंभव ना देखें. ये उपाय सर्वाधिक मनोरंजक उपाय हैं. जोकि बीपी घटाने में भी सहायक हैं.
12. अपने सामाजिक दायित्वों का भी ख्याल रखें. कुछ सामाजिक कार्य करे व किसी सामाजिक संगठन से जुड़ें.
13. अपने मनपसंद का खाएं व पीयें. लेकिन, इसे आदत भूल कर भी ना बनाएं. हमारा खान-पान छठरस से भरपूर होना चाहिए. याद रखें--पौष्टिकता विविधता में ही निहित हैं.
14. धार्मिक बन सको तो बहुत ही अच्छा और ना बन सको तो धार्मिक कार्यों से अवश्य जुड़ें. पूजा-पाठ ना सही पर गौ-सेवा, बीमार गायों और कुत्तो की सेवा तो की ही जा सकती हैं. सेवा ना सही, भोजन तो कराया ही जा सकता हैं.
15. अनाथालयो व वृद्ध आश्रमों से अवश्य जुड़ें, रोज़ रोज़ नहीं जाना हैं बस जब वक्त और मन करे, चले जाएँ और सेवा कर सको तो अति उत्तम, वरना भोजन करवाएं. ये नहीं, तो बातचीत ही सही. दो पल उनसे मिलकर बातें कर के उन्हें हौसला / संबल प्रदान करे.
16. चहलकदमी (पैदल चलना, वाकिंग, या जोग्गिंग) जरूर करे. सुबह या शाम, अकेले या समूह के साथ, जैसे अच्छा लगे जरूर करे. पैदल चलना भी एक व्यायाम ही हैं. ये मुफ्त का उपाय हैं तनाव दूर भगाने का.
17. पुरानी यादों, पुरानी बातों को याद अवश्य रखें, लेकिन दुखद और बुरी यादों को स्मृति से मिटा देवे. घावों को कुरेदना कहाँ की समझदारी हैं.? जो बीत गया उसे याद कर करके अपना वर्तमान और भविष्य खराब ना करें.
18. अपने आपको और अपने साथ वालो (परिजनों या कार्यालयों के सहकर्मियों) को खुश और सुखी मानियें. दुखी और परेशान होने से अधिक बुरा खुद को दुखी और परेशान मानना हैं.
19. हँसते-गुदगुदाते-मजाकिया मोबाइल संदेशो को पढ़ें व पढ़ाएं यानी ले और भेजें. शेर-ओ-शायरी भी काफी बेहतरीन और लोकप्रिय विकल्प हैं. ध्यान रहे, दिल तोड़ने वाले व दुखद संदेशो का आदान-प्रदान कदापि ना करे.
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मुझे उम्मीद हैं कि--मेरे द्वारा ऊपर बताएं गए कई उपायों में से कुछ उपाय आपने अपनाएँ होंगे और आप खुद को तनाव से कोसो दूर और खुद हो हल्का-फुल्का, खुश और सुखी महसूस कर रहे होंगे. आजकल की भागती दौड़ती और तेज़-रफ़्तार, तनाव में आकंठ डूबी ज़िन्दगी में अगर मेरा ये प्रयास (ख़ास आपके लिए ब्लॉग पोस्ट लिखना) आपको दो पल भी मुस्कुराने और हंसने की राह दिखाने में कामयाब होता हैं तो मैं खुद को सौभाग्यशाली समझूंगा.
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धन्यवाद.
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CHANDER KUMAR SONI,
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बहुत बढ़िया सार्थक प्रस्तुति
ReplyDeleteसच कहा आपने सबकुछ हमारे ऊपर निर्भर हैं ...बस हम इसके लिए अपने आप को तैयार नहीं कर पाते हैं....शहर की दौड़ भाग में थक हारकर अपने आपको को भूल जाते हैं ...अपने लिए समय नहीं निकल पाते हैं.... कोशिश तो करते हैं ...
.इस नेक प्रस्तुति के लिए आपका आभार
atуchmiaѕt zmieniał problem. Unikał też gusty ωzroku rycerza, wpatгując się ω własny garniec mioԁu.
ReplyDeletePrzeԁniegο z ԁrugiej strοny natοmiast
zаsługującego nа zapotrzebowanie.
Rycerz nіе nаciѕkał zbytnіo.
Finаlnіe ρo.
trzos złota piechοtą nie configurable
ReplyDeletechodzi, można odłożyć. Mało uprzеdził biskupa,
tego, κto obiecał, że ustąpią mіaѕteczko ρrzez nikogo nie
niepokojeni. - Za spowodowanie pogrożenia.
हँसना और खुश रहना सफल जीवन के लिए बेहद आवश्यक हैं !
ReplyDeleteयह लेख आपके सुंदर मन की सफल अभिव्यक्ति हैं, हालाँकि लोग अच्छी सलाहों को उपदेश मानते हैं !!
हम सब ज्ञानी हैं ! :)
खुश रहने के बहाने अनेक !
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